अंतरिक्ष में गूंजती है China की आवाज

चंद्र अन्वेषण परियोजना के छांगअ नंबर पांच डिटेक्टर ने सुचारु रूप से चंद्रमा की परिक्रमा में प्रवेश किया। ध्यानाकर्षक बात यह है कि इस बार एक चीनी गीत ‘प्रेम से हम जीत पाएंगे’ का वीडियो व ऑडियो भी छांगअ नंबर पांच डिटेक्टर के साथ चंद्रमा की ओर गया। गौरतलब है कि इस गीत को कोविड-19
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अंतरिक्ष में गूंजती है China की आवाज

चंद्र अन्वेषण परियोजना के छांगअ नंबर पांच डिटेक्टर ने सुचारु रूप से चंद्रमा की परिक्रमा में प्रवेश किया। ध्यानाकर्षक बात यह है कि इस बार एक चीनी गीत ‘प्रेम से हम जीत पाएंगे’ का वीडियो व ऑडियो भी छांगअ नंबर पांच डिटेक्टर के साथ चंद्रमा की ओर गया। गौरतलब है कि इस गीत को कोविड-19 महामारी की रोकथाम में लोगों को प्रोत्साहन देने के लिये रचा गया है। मानव लगातार आवाज सूचना भेजने के तरीके से अंतरिक्ष का अध्ययन और आदान-प्रदान करने की कोशिश कर रहा है। अंतरिक्ष में चीन की आवाज भी ज्यादा से ज्यादा स्पष्ट व समृद्ध हो चुकी है। अंतरिक्ष में भेजी गयी चीन की सब से पहली आवाज 50 वर्ष पहले की थी। वर्ष 1970 के 24 अप्रैल को चीन ने सफलतापूर्वक अपना पहला कृत्रिम पृथ्वी उपग्रह तोंगफांगहोंग नंबर एक अंतरिक्ष में भेजा था। जिसके साथ ही चीनी संगीत तोंगफांगहोंग भी अंतरिक्ष में बजाया गया।

50 वर्षों में चीन का अंतरिक्ष कार्य धीरे धीरे बेहतर हो गया, और चीन विश्व में अंतरिक्ष का अध्ययन करने वाला शक्तिशाली देश बनने के रास्ते पर चल रहा है। विश्वास है कि ज्यादा से ज्यादा चीनी आवाजें अंतरिक्ष में पहुंच सकेंगी।

वर्ष 2007 में चीन का पहला कृत्रिम चंद्र उपग्रह छांगअ नंबर एक 30 से अधिक संगीत लेकर अंतरिक्ष में उड़ा। चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर उसने पृथ्वी से 3.8 लाख किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में ये सिलसिलेवार संगीत प्रसारित किए।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस