साइबर सेफ्टी नियमों का मजबूती से पालन’, सफाई में बोला चीन- बिना सबूत आरोप लगाना गलत

जब मुंबई ब्लैकआउट के पीछे चीनी साजिश का खुलासा हुआ, तो चीन को ठंड लग गई। इसे चीन के विदेश मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है, लेकिन इसकी सफाई में भी लापरवाही बरती गई है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन साइबर सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करता है और किसी
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साइबर सेफ्टी नियमों का मजबूती से पालन’, सफाई में बोला चीन- बिना सबूत आरोप लगाना गलत

जब मुंबई ब्लैकआउट के पीछे चीनी साजिश का खुलासा हुआ, तो चीन को ठंड लग गई। इसे चीन के विदेश मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है, लेकिन इसकी सफाई में भी लापरवाही बरती गई है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन साइबर सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करता है और किसी भी तरह के साइबर हमले का विरोध करता है, इसलिए बिना सबूत के आरोप लगाए जाते हैं। चीन ने कहा है कि ऐसे आरोपों का कोई मतलब नहीं है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले साल मुंबई में ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स का हाथ था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि चीन अभी भी भारत के प्रमुख शहरों में रोशनी बंद करने की साजिश रच रहा है।

इससे पहले, मैसाचुसेट्स की एक कंपनी ने इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल पर शोध कर दावा किया था कि चीन के रेड इको ग्रुप द्वारा भारत के बिजली क्षेत्र को निशाना बनाया जा रहा है। इस रिकॉर्डेड फ्यूचर ग्रुप की रिपोर्ट के आधार पर, न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले साल मुंबई में हुए ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकरों का हाथ बताया।

मुंबई में ब्लैकआउट पिछले साल 12 अक्टूबर को हुआ था। यानी, जून 2020 में गालवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प के कुछ महीने बाद ब्लैकआउट हुआ था। इससे पता चलता है कि चीन यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि वह भारत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है।