American CDC के नए निर्देश, अब बिना लक्षण वाले लोगों का भी होगा परीक्षण

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने उन लोगों के परीक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें कोरोनावायरस के लक्षण नजर नहीं आते हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शुक्रवार को सीडीसी की वेबसाइट पर दिए गए अपडेशन के हवाले से लिखा, “इस गाइडेंस ने सार्स-कोव-2 संक्रमण वाले व्यक्ति के करीबी
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American CDC के नए निर्देश, अब बिना लक्षण वाले लोगों का भी होगा परीक्षण

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने उन लोगों के परीक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें कोरोनावायरस के लक्षण नजर नहीं आते हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शुक्रवार को सीडीसी की वेबसाइट पर दिए गए अपडेशन के हवाले से लिखा, “इस गाइडेंस ने सार्स-कोव-2 संक्रमण वाले व्यक्ति के करीबी संपर्क में आए उन लोगों का भी परीक्षण करना जरूरी बताया है, जिनमें बीमारी के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।”

इसमें आगे कहा गया, “सार्स-कोव-2 संक्रमण वाले व्यक्तियों के सभी करीबी संपर्कों का परीक्षण करने की सिफारिश की गई है। क्योंकि संचरण को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सार्स-कोव-2 संक्रमण वाले व्यक्तियों के संपर्कों में आए सभी लोगों को जल्दी से पहचाना जाए और उनका परीक्षण किया जाए, चाहे उनमें बीमारी के लक्षण न दिख रहे हों।”

पिछले महीने जारी किए गए सीडीसी दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि बिना लक्षण वाले लोगों परीक्षण करना आवश्यक नहीं है।

दिशा-निर्देशों में कहा गया कि यदि लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो उनका परीक्षण जरूरी है, भले ही उनमें लक्षण न हों। जैसे कि संक्रमित व्यक्ति से 6 फीट के दायरे के अंदर कम से कम 15 मिनट के लिए संपर्क में आने वाले सभी लोगों का परीक्षण जरूरी है।

इसमें कहा गया, “उन क्षेत्रों में जहां नए मामलों की संख्या कम है और बीमारी कम फैल रही है वहां सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग बिना लक्षण वाले ‘स्वस्थ लोगों’ का परीक्षण कर सकता है।”

इससे वायरस को फैलने से रोकने में बहुत मदद मिलेगी।

इस कदम ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। विशेषज्ञों ने इसे लेकर चेतावनी दी है कि यह बिना लक्षण वाले व्यक्तियों की समय पर पहचान करने में बाधा पैदा कर सकता है।

इस हफ्ते की शुरूआत में आई द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में प्रकाशित सिफारिश सीडीसी के वैज्ञानिकों द्वारा नहीं लिखी गई थी और उनकी गंभीर आपत्तियों के बावजूद एजेंसी की वेबसाइट पर यह पोस्ट डाली गई थी।

बता दें कि जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देश है। वहां 67,22,699 मामले और 1,98,509 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस