गठिया रोग के घरेलू उपचार

उम्र बढ़ने के साथ ही जोड़ों की बिमारी गठिया होने की आशंका बढ़ जाती है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार खून में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने से गठिया रोग होता है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है गठिया की समस्या भी बढ़ती चली जाती है। भोजन में शामिल खाघ पदार्थों के कारण जब शरीर में
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उम्र बढ़ने के साथ ही जोड़ों की बिमारी गठिया होने की आशंका बढ़ जाती है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार खून में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने से गठिया रोग होता है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है गठिया की समस्या भी बढ़ती चली जाती है। भोजन में शामिल खाघ पदार्थों के कारण जब शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनता है तब गुर्दे उन्हें खत्म नहीं कर पाते और शरीर  के अलग- अलग जोड़ों में में यूरेट क्रिस्टल जमा हो जाता है। और इसी वजह से जोड़ों में सूजन आने लगती है तथा उस सूजन में दर्द होता है।
गठिया रोग का कारण-
फास्ट फूड, जंक फूड और डिब्बाबंद खाना खाने से भी गठिया रोग हो सकता है।
ज्यादा गुस्सा आने की प्रवृति और ठंठ के दिनों में अधिक सोने की आदत से भी गठिया हो सकता है।
आलसी व्यक्ति जो खाना खाने के बाद श्रम नहीं करते हैं उन्हें भी गठिया की शिकायत हो सकती है।
वसायुक्त भोजन अधिक मात्रा में खाने से भी गठिया रोग हो सकता है।
जिन लोगों को अजीर्ण की समस्या रहती है और अधिक मात्रा में खाना खाते हैं, इस वजह से भी गठिया रोग हो सकता है।
वैदिक आयुर्वेद के अनुसार दूषित आम खाने की वजह से भी गठिया रोग हो सकता है।
गठिया रोग का लक्षण-
गठिया के लक्षण पैरों और हाथों की उंगलियों में सूजन के रूप में देखे जाते हैं। गठिया के शुरूवाती दौर में शरीर के जोड़ों वाले हिस्सों में दर्द होने लगता है, और हाथ लगाने से भी दर्द होता है।
गठिया के रोगियों को बुखार और कब्ज़ के साथ सिर दर्द भी होता रहता है।
जोड़ों में अधिक सूजन और पीड़ा होना।
गठिया रोग में रोगी को अधिक प्यास लगती है।
गठिया रोग में हाथ-पांवों में छोटी-छोटी गांठें बन जाती है और इलाज में देर होने से यह गंभीर रूप ले सकती है।
गठिया रोग का इलाज संभव है बस इन बातों पर आप ध्यान दें
गठिया रोग का घरेलू उपचार-
अपने खान-पान पर नियंत्रण रखते हुए घरेलू चिकित्सा को अपनाने से गठिया रोग में लाभ मिलता है।
रोज 1 से 2 हरड़ कूटकर उसका चूर्ण बनाकर इसे गुड़ के साथ खाएं।
गिलोय का रस पीने से गठिया रोग में सूजन और दर्द दूर होता है।
देसी घी के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया से मुक्ति मिलती है।
एरंड तेल के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया खत्म होती है।
तिल को तवे पर भूनने के बाद दूध के साथ पीसकर लेप बनायें और उसे गठिया से होने वाली सूजन पर इसका लेप लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
अलसी को दूध में पीसकर गठिया की सूजन से प्रभावित हिस्सों में लगाने से सूजन और दर्द में लाभ मिलता है।
गठिया से प्रभावित लोग यदि समुद्र में स्नान करें तो उन्हें गठिया से राहत मिल सकती है।
जैतून के तेल की मालिश करने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है।
अदरक के सेवन से भी गठिया रोग कम होता है।
पानी को सेवन करना
जिन लोगों को गठिया की शिकायत रहती है। वे पानी का सेवन ज्यादा करें। पानी पीने से गठिया का दर्द ठीक हो जाता है। और यह धीरे.धीरे पूरी तरह से यह समस्या ठीक हो सकती है।
एलोविरा रस
गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप एलोविरा को छीलकर उसके जेल को दर्द वाली जगह पर लेप करें। इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी।
आलू का रस
आलू का रस गठिया रोग की रोकथाम के लिए बेहद लाभदायक होता है।
रोज खाना खाने से पहले कम से कम दो आलूओं का रस निकालकर पीएं।
लहसुन का सेवन
लहसुन गठिया की समस्या में फायदेमंद होता है।
लहसुन को अपने खाने में जरूर शामिल करें। लहसुन को भून कर भी खाने से गठिया का दर्द ठीक हो जाता है।
भाप का स्नान
भाप से स्नान करने से गठिया रोग से निजात पाया जा सकता है। भाप का स्नान करने के बाद शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करें।
अन्य उपचार
हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक करें।
सौठ का सेवन करने से गठिया का दर्द ठीक होता है।
बथुआ के शाक व उसका रस पीने से गठिया रोग ठीक होता है।