जिहादी ‘भर्ती’ मामले में Tania Parveen के खिलाफ आरोप पत्र दायर

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कहा कि इसने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ऑनलाइन भर्ती मॉड्यूल मामले में तानिया परवीन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में कहा गया कि वह सोशल मीडिया पर 70 जिहादी समूहों की सदस्य बन गई, जिसने आतंकवादी विचारधारा को ‘इस्लामिक जिहाद’ की आड़ में प्रचारित किया। पश्चिम
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जिहादी ‘भर्ती’ मामले में Tania Parveen के खिलाफ आरोप पत्र दायर

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कहा कि इसने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ऑनलाइन भर्ती मॉड्यूल मामले में तानिया परवीन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में कहा गया कि वह सोशल मीडिया पर 70 जिहादी समूहों की सदस्य बन गई, जिसने आतंकवादी विचारधारा को ‘इस्लामिक जिहाद’ की आड़ में प्रचारित किया।

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक विशेष एनआईए अदालत में गुरुवार को आरोप पत्र दायर किया गया। परवीन पर सख्त गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

दिल्ली में एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, “जांच के दौरान यह पता चला कि परवीन को लश्कर के पाकिस्तान स्थित कैडर द्वारा साइबर स्पेस में कट्टरपंथी बना दिया गया था। वह धीरे-धीरे सोशल मीडिया पर लगभग 70 जिहादी समूहों का हिस्सा बन गई, जिसने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बानने और भर्ती करने के मकसद से इस्लामिक जिहाद की आड़ में आतंकवादी विचारधारा का प्रचार किया।”

अधिकारी ने कहा कि परवीन विभिन्न ‘फिलिस्तीनी और सीरियाई जिहादी’ सोशल मीडिया समूहों में भी सक्रिय थीं।

उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि पाकिस्तान के लाहौर स्थित लश्कर कैडर ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों से आरोपी का परिचय कराया जिसने उसे संवेदनशील रणनीतिक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत में फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बानने और सशस्त्र बल के सदस्यों से दोस्ती करने का काम सौंपा था।

एनआईए अधिकारियों के अनुसार, 22 वर्षीय परवीन को एनआईए ने अप्रैल में हिरासत में लिया था क्योंकि वह कई पाकिस्तानी सिम कार्ड के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में थी।

एनआईए अधिकारियों ने कहा कि एक साल की निगरानी के बाद उसे पकड़ा गया था।

न्यूज सत्रोत आईएएनएस