दार्जीलिंग टाइगर हिल दिखते हैं सोनें के बादल।

दार्जीलिंग टाइगर हिल सूर्योदय के खूबसूरत नज़ारे देता एक दर्शनीय पर्यटन स्थल तो है ही, साथ ही हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता में डूब जाने वाला एक स्थाल भी है। जब भी हम किसी पहाड़ को देखते हैं तो हमारे दिमाग में पहले से ही एक तस्वीर बनी होती है, लेकिन हम ये दावा करते हैं
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दार्जीलिंग टाइगर हिल सूर्योदय के खूबसूरत नज़ारे देता एक दर्शनीय पर्यटन स्थल तो है ही, साथ ही हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता में डूब जाने वाला एक स्थाल भी है। जब भी हम किसी पहाड़ को देखते हैं तो हमारे दिमाग में पहले से ही एक तस्वीर बनी होती है, लेकिन हम ये दावा करते हैं कि एक बार दार्जीलिंग के टाइगर हिल देखा तो आपके दिमाग में बनी वो छवी इसके आगे कुछ भी नहीं होगी। दार्जीलिंग टाइगर हिल से सूर्योदय का वो बेहतरीन नज़ारा आप कभी मिस नहीं करना चाहेंगे। टाइगर हिल  टाइगर हिल पश्चिम बंगाल के शहर दार्जीलिंग में है। वैसे तो दार्जीलिंग में और भी कई पर्यटन स्थल हैं, लेकिन टाइगर हिल की तो बात ही अलग है। यहां हर रोज़ ना जाने कितने पर्यटक आते हैं सुबह-सुबह सूर्योदय के नज़ारे लेने के लिए। और आए भी क्यों ना, ये है ही इतना आकर्षक और सुंदर कि हर कोई इसकी तरफ खिंचा चला जाए। टाइगर हिल पर सबसे ज्यादा मज़ा इसकी चढ़ाई करने में आता है। ये दार्जीलिंग की सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 8482 फीट है। इतनी ऊंचाई से पूरा दार्जीलिंग शहर चींटी जितना छोटा दिखता है। इसी के पास विश्व की दूसरी सबसे ऊंची चोटी, कंचनजंगा भी है। क्यों देखें टाइगर हिल से सूर्योदय पको सफेद कालीन जैसे बिछे बादलों पर चलकर तय करनी है। सूर्योदय होते समय आप उसके साक्षी होंगे, आप देख पाएंगे सफेद बादलों को लाल करती सूरज की रोशनी को। आप देख पाएंगे कि जो सूरज ज़मीन से बादलों के बीच छुपा रहता था 8482 फीट ऊपर आकर वो बदलों से भी ऊंचा है। कुदरत का ये खूबसूरत दृश्य आपकी आंखों के साथ-साथ आपके दिल में भी उम्र भर के लिए बस जाएगा। ये नज़ारा आपको सकारात्मकता और स्फूर्ती से भर देगा। टाइगर हिल जाने का सही समय t अगर आप पहाड़ों पर जमी बर्फ देखना चाहते हैं तो अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय बिल्कुल सही है जाने के लिए। मार्च से अप्रैल के बीच का समय सही है टाइगर हिल जाने के लिए क्योंकि इस समय बहुते कड़ाके की ठंड नहीं पड़ती लेकिन पहाड़ों पर अब भी थोड़ी बर्फ देखी जा सकती है। सूर्योदय देखने के लिए आप रात 3:30 बजे से चढ़ाई करना शुरु करेंगे तब जाकर सुबह 4:15 तक चोटी तक पहुंच पाएंगे। सर्दियों में सुबह 4:15 से चढ़ाई करना शुरू कर सकते हैं। आपको लग रहा होगा कि ये बहुत ज़्यादा जल्दी है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर दिन यहां सैकड़ों पर्यटक आते हैं, जिस कारण आपको ऊपर जाते वक्त काफी लंबी कतारों में लगना पड़ सकता है। इसलिए समय से निकलेंगे तो सही समय पर सूर्योदय का आनंद ले पाएंगे। टाइगर हिल तक पहुंचने के लिए आपको पहले दार्जीलिंग पहुंचना होगा। टाइगर हिल दार्जीलिंग के बहुत पास है। ये शहर से करीब 11 किमी दूर और घूम से ऊपर है। घूम स्टेशन के बाद अब आपको पहाड़ी के संकरे रास्तों पर चढ़ाई करनी होगी। दार्जीलिंग से शिखर तक गांड़ी से पहुंचने में आपको सिर्फ 40 मिनट का समय लगेगा। इसके अलावा आप शेयर्ड जीप से भी जा सकते हैं जो क्लब साइड स्टैंड से चलती है। ये टैक्सी स्टैंड नेहरू रोड पर है। आप चौक बाज़ार से भी शेयर्ड जीप में बैठकर जा सकते हैं।