नासिक का ऐतिहासिक राजधेर किला, जानिए क्यों है खास ?

महाराष्ट्र स्थित नासिक एक प्राचीन शहर है जो पवित्र नदी गोदावरी के तट पर बसा है। यह देश के चुनिंदा सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जहां साल भर श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है। नासिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी ज्यादा समृद्ध है। नासिक में आप कई अद्भुत मंदिरों के दर्शन का
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महाराष्ट्र स्थित नासिक एक प्राचीन शहर है जो पवित्र नदी गोदावरी के तट पर बसा है। यह देश के चुनिंदा सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जहां साल भर श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है। नासिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी ज्यादा समृद्ध है। नासिक में आप कई अद्भुत मंदिरों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। धार्मिक विशेषता के कारण इसे महाराष्ट्र की आध्यात्मिक राजधानी भी कहा जाता है। त्रिम्बाकेश्वर यहां का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जहां रोजाना भक्तों की लंबी कतार लगती है। इसके अलावा यह शहर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले के लिए भी विश्व भर में जाना जाता है। महाकुंभ मेले के दौरान करोड़ों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन होता है। पर्यटन के लिहाज से नासिक काफी खास माना जाता है जहां आप कई शानदार प्राचीन संरचनाओं को देख सकते हैं। इस लेख में हम आपको नासिक स्थिल राजधेर किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जानिए यह किला आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है। राजधेर किला  राजधेर फोर्ट महाराष्ट्र का एक प्राचीन किला है, जो नासिक जिले के चांदवाड नगर से 10 कि.मी की दूरी पर स्थित है। जानकारी के अनुसार इस किले का निर्माण कई शताब्दियों पहले मध्यकाल में किया गया था। समय के साथ-साथ यहां कई शक्तिशाली शासकों ने राज्य किया। यह किला अपने समय की एक मजबूत सरंचना है, जिसे खास रणनीति के तहत बनाया गया था। राजा-महाराजाओं के अलावा यह किला अंग्रेजों के अधीन भी रच चुका है। ब्रिटिश सेना ने इस किले पर 1818 पर कब्जा किया था । यह एक पहाड़ी किला है, जो समद्र तल से 4400 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया था, हालांकि अब यह प्राचीन संरचना एक खंडहर के रूप में मौजूद है। पत्थरों से बनाया गया किला इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए काफी ज्यादा मायने रखता है। चूकि यह पहाड़ी पर बनाया गया था इसलिए यह स्थल ऐतिहासिक के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से भी काफी ज्यादा महत्व रखता है। आगे जानिए इस किले से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में। ग्रीष्मकाल के दौरान यह स्थल काफी ज्यादा गर्म रहता है इसलिए आप गर्मियों में यहां का प्लान न बनाएं। यहां आने का सबसे आदर्श समय अक्टूबर से लेकर फरवरी के मध्य का है, इस दौरान यहां का मौसम काफी ज्यादा अनकूल और खुशनुमा बना रहता है, और आप आराम से किले के अलावा आसपास की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद जी भरकर ले सकते हैं। यहां पर्यटक मॉनसून के दौरान भी आना पसंद करते हैं। अगर आप बारिश के समय यहां का प्लान बनाना चाहते हैं तो अपनी सुरक्षा का ध्यान जरूर रखें, बारिश के कारण यहां के ट्रेकिंग ट्रेल्स काफी ज्यादा फिसलन भरे हो जाते हैं। Pराजधेर किले का भ्रमण आपके लिए कई मायनों में खास हो सकता है। इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों से लेकर यह स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए भी काफी ज्यादा मायने रखता है। आप यहां की पहाड़ी खूबसूरती का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं। यहां के हरे-भरे माहौल के बीच आप अपार मानसिक और आत्मिक शांति का अनुभव करेंगे। इतिहास प्रेमी किले को देख सकते हैं। अगर आप एडवेंचर का शौक रखते हैं तो यहां ट्रेकिंग और हाइकिंग जैसी रोमांच भरी गतिविधियों का अनुभव ले सकते हैं। अगर आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, तो यहां के अद्भुत नजारों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।  राजधेर किले तक आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाईअड्डा नासिक एयरपोर्ट है, जहां से आप कैब या प्राइवेट टैक्सी के जरिए किले के आधार तक पहुंच सकते हैं। नासिक एयरपोर्ट से किले तक की दूरी 58 कि.मी की है। रेल सेवा के लिए आप नासिक रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी यहां तक पहुंच सकते हैं, किले तक पहुंचने के लिए आप कुछ दूर का ट्रेकिंग सफर तय करना होगा ।