Huawei को मिला एयरटेल कॉन्ट्रैक्ट

चीनी दूरसंचार उपकरण कंपनी हुआवे को भारती एयरटेल से एक नया अनुबंध उस समय प्राप्त हुआ है, जब चीनी कंपनियों पर सरकार की पैनी नजर है। हुआवे, जेडटीई उन चीनी कंपनियों में से हैं, जिन्हें सरकार ने संकेत दिए हैं कि उन्हें 5जी एवं अन्य टेलीकॉम परीक्षणों से बाहर रखा जाए। चीनी कंपनियों से साइबर
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Huawei को मिला एयरटेल कॉन्ट्रैक्ट

चीनी दूरसंचार उपकरण कंपनी हुआवे को भारती एयरटेल से एक नया अनुबंध उस समय प्राप्त हुआ है, जब चीनी कंपनियों पर सरकार की पैनी नजर है। हुआवे, जेडटीई उन चीनी कंपनियों में से हैं, जिन्हें सरकार ने संकेत दिए हैं कि उन्हें 5जी एवं अन्य टेलीकॉम परीक्षणों से बाहर रखा जाए।

चीनी कंपनियों से साइबर संबंधी खतरों को लेकर भारत में पहले से ही चिंताएं हैं और यह खतरा अब एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है।

हुवावे पहले से ही एयरटेल के लॉन्ग डिस्टेंस नेटवर्क को चला रहा है और मौजूदा डील उसी से संबंधित है।

रिपोर्ट्स की मानें तो यह डील चीनी दूरसंचार उपकरण कंपनी हुआवे के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि यह काफी समय से भारतीय टेलीकॉम से कॉन्ट्रैक्ट का प्रयास कर रही थी।

उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली समिति भारत के आवश्यक राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से 5जी मोबाइल नेटवर्क और आपूर्ति श्रृंखला सहित सभी उपकरणों और गैजेट्स को ‘साफ’ करेगी।

सुरक्षा कार्य योजना का उद्देश्य विश्वसनीय और गैर-विश्वसनीय श्रेणियों के तहत दूरसंचार उत्पादों/उपकरणों और उनके आपूर्तिकर्ताओं को वर्गीकृत करना है।

ऐसी कंपनियां जिन पर विशेषज्ञ समिति भरोसा नहीं कर सकती है, उन कंपनियों या सप्लायर्स को भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

एक बार लागू होने के बाद यह एक्शन प्लान भारतीय दूरसंचार कंपनियों मसलन जिओ, एयरटेल या वोडाफोन आइडिया से सप्लाई ऑर्डर प्राप्त करना चीनी दूरसंचार उपकरण सप्लायर्स के लिए मुश्किल बना देगा।

न्यूज सत्रोत आईएएनएस