ज्‍यादा खाने से नहीं बल्कि इस कारण से बढ़ सकता है आप का वजन

बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए डायटिंग करना शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे नहीं खाएंगे तो इससे उनका वजन कम हो जाएगा । जबकि डायटिंग करने से शरीर में कमजोरी आती हैं। हर बार वजन बढ़ने की यही वजह नहीं होती। कई बार अचानक वजन बढ़ना किसी बड़ी बीमारी का
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बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए डायटिंग करना शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे नहीं खाएंगे तो इससे उनका वजन कम हो जाएगा । जबकि डायटिंग करने से शरीर में कमजोरी आती हैं। हर बार वजन बढ़ने की यही वजह नहीं होती। कई बार अचानक वजन बढ़ना किसी बड़ी बीमारी का लक्षण या फिर शरीर में हॉर्मोन्स का बिगड़ता संतुलन भी हो सकता हैं।

हमारे शरीर में किसी भी हॉर्मोन के संतुलित मात्रा से ज्‍यादा या कम मात्रा में निकलने को हॉर्मोन असुंतलन कहलाता हैं। इस संतुलन के बिगड़ने की कई वजहें हो सकती हैं। हम जो कुछ भी खाते हैं। उसका सीधा असर हमारे हॉर्मोन्‍स पर पड़ता हैं।

लेप्टिन:-   लेप्टिन हॉर्मोन को मास्‍टर हॉर्मोन भी कहा जाता  हैं। इसका काम हमारे दिमाग को बताना होता है कि हमारे शरीर में अब ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में एकत्रित हो चुकी हैं। इसलिए अब ज्यादा खाने की जरूरत नहीं  हैं। हमारे शरीर में यह हॉर्मोन तभी बनता  हैं।अगर ये असंतुलित हो जाता है तो वजन बढ़ने लगता हैं। क्योंकि इसके असंतुलित होने पर ऐसा लगता है कि भूख लगी है और आप ज्यादा खाने लगते हैं।

टेस्‍टोस्‍टेरोन :- जो मांसपेशियों को मजबूत बनाता हैं। यह हॉर्मोन मोटापा कम करने, स्‍पर्म बनाने, कामेच्छा बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता  हैं। अगर शरीर में इसका लेवल कम हो जाए तो शरीर में फैट बढ़ने लगता है और चिड़चिड़ाहट होने लगती  हैं।