भारत में ऐसी जगह भी है जहाँ गुरूत्वाकृष्ण बल भी करता है उल्टा काम

आज तक हमने सृष्टि के नियमों के अनुसार भारी भरकम वस्तु को उपर से नीचे की तरफ आते देखा है। लेकिन इस जगह पर बंद गाड़ी भी नीचे से अपने आप ऊँचाई की तरफ चढ़ जाती है। पानी की बोतल से लेकर बड़े बड़े पत्थर भी अपने आप ऊँचाई की तरफ लुढ़कते है। इस जगह
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आज तक हमने सृष्टि के नियमों के अनुसार भारी भरकम वस्तु को उपर से नीचे की तरफ आते देखा है। लेकिन इस जगह पर बंद गाड़ी भी नीचे से अपने आप ऊँचाई की तरफ चढ़ जाती है। पानी की बोतल से लेकर बड़े बड़े पत्थर भी अपने आप ऊँचाई की तरफ लुढ़कते है। इस जगह पर कुदरत के सारे नियम उल्टे हो जाते है।

यह जगह भारत में जम्मू कश्मीर के लेह ग्राम में पड़ती है। जिस जगहों (मेगनेट हिल) के नाम से जानते हैं। यहाँ हमको कुदरत की सुन्दर सी जगह और नया नियम देखने को मिलता है। जहाँ हर वर्ष दुर दुर से पर्यटक आकर इस प्रकृति के नियम को परखते है। यह जगह अपने आप में कई अनोखा राज समेटी हुई है।

विज्ञान कहता है कि इस जगह पर गुरूत्वाकृष्ण बल उल्टा हो जाता है। जिसके कारण निचे पड़ी हुई वस्तु उपर की तरफ लुढकना शुरू हो जाती है। विज्ञान की भाषा में कहा गया है कि गुरूत्वाकृषणा बल हमेशा वस्तु को अपनी और खिंचता है। लेकिन यहां पहाड़ी क्षेत्र होने कारण, कुदरत के सारे नियमों के अनुसार संसार की अन्य जगहों से भिन्न हैं।

यही कारण है कि यहाँ गुरु त्वाकर्षण बल उल्टा काम करता है। परंतु सच्चाई यह है कि सृष्टि के इस नियम को लेकर कोई भी विज्ञान से लेकर बड़े बड़े विशेषज्ञों ने दुनिया को संतुष्ट जवाब नहीं दिया है। अर्थात लोग इसे कुदरत का ही नियम मानते हैं।