IPL 2020: कितना मजबूत है किंग्स इलेवन पंजाब का दावा, टीम की ताकत और कमजोरिया
राहुल-कुंबले की जोड़ी करेगी पंजाब के लिए करिश्मा?
किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) की टीम में काबिलियत हमेशा से रही है पर यह टीम कभी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का खिताब नहीं जीता है। पंजाब की उम्मीद इस बार दो बेंगलुरु निवासियों पर भी टिकी होंगी। क्रिकेट ऑपरेशंस के निदेसक अनिल कुंबले और कप्तान केएल राहुल दोनों का संबंध कर्नाटक से है। क्या ये दोनों मिलकर पंजाब की किस्मत बदल सकेंगे?
लगातार बदलाव से हुआ है टीम को नुकसान
2008 के पहले सीजन में युवराज सिंह से लेकर 2020 तक केएल राहुल तक, किंग्स इलेवन की टीम ने 12 कप्तान आजमाए हैं। इस मामले में वह दिल्ली कैपिटल्स के साथ सबसे आगे हैं.
कर्नाटक ऐंगल
साल 2018 और 2019 में केएल राहुल का फॉर्म शानदार रहा। वह आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। पंजाब की टीम ने जब रविचंद्रन अश्विन को दिल्ली कैपिटल्स के साथ ट्रेड किया तो राहुल कप्तान के रूप में खुद-ब-खुद पहली पसंद बन गए।
टीम के पांच खिलाड़ियों का संबंध कर्नाटक से है। इसमें राहुल के अलावा कृष्णप्पा गौतम, जगदीश सुचित, करुण नायर और मयंक अग्रवाल भी टीम के साथ हैं। साथ ही डायरेक्टर क्रिकेट ऑपरेशंस के रूप में महान खिलाड़ी अनिल कुंबले भी उनके साथ हैं।
क्या है किंग्स इलेवन पंजाब टीम की कमजोरी
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम का मिडल ऑर्डर एक कमजोरी है। गेंदबाजी में भी मोहम्मद शमी पर बहुत अधिक दबाव है। अश्विन के जाने से स्पिनर गेंदबाजी की धार भी कम हुई है। इसके अलावा टीम का अहम मौकों पर चूकने का इतिहास है। किंग्स इलेवन को इस बार इससे बचना होगा।
क्या है किंग्स इलेवन पंजाब टीम की ताकत
किंग्स इलेवन पंजाब के पास दमदार सपॉर्ट स्टाफ है। इसमें अनिल कुंबले, एंडी फ्लावर, जोंटी रोड्स, चार्ल्स लेंगवेल्डट और वसीम जाफर शामिल हैं। इसके अलावा केएल राहुल और क्रिस गेल की सलामी जोड़ी और मयंक अंग्रवाल व ग्लेन मैक्सवेल जैसे बल्लेबाज टॉप ऑर्डर में हैं।
किनके लिए है मौका
मनदीप सिंह, दीपक हूडा और सरफराज खान जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए पंजाब की टीम में खुद को साबित करने के कई मौके मिलेंगे। और टीम प्रबंधन भी उम्मीद करेगा कि ये खिलाड़ी उपयोगी प्रदर्शन करें।
बीते सीजनंस में प्रदर्शन
2008- सेमीफाइनल
2009- पांचवें स्थान पर
2010- आखिरी स्थान पर
2011- पांचवें स्थान पर
2012- छठे स्थान पर
2013- छठे स्थान पर
2014- फाइनल में पहुंचे
2015- आखिरी स्थान पर
, 2016- आखिरी स्थान पर
2017- पांचवें स्थान पर
2018- सातवें स्थान पर
2019- छठे स्थान पर