मध्य प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अफसरों संग बैठक की है। इसके बाद मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजातिया को हटाने के आदेश दिए गए। SDOP को सस्पेंड किया गया है। जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर मुरैना के लोगों का गुस्सा सड़क पर उतर आया। ग्रामीण पहले ट्रेक्टर से शव ले जाने की जिद्द पर अड़ रहे बाद में एंबुलेंश से शव उतारकर हाईव को दो घंटे तक जाम कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने 10 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। छैरा-मानपुर में जहरीली शराब को लेकर खुलासा तब हुआ जब 52 साल के एक व्यक्ति ने रविवार देर रात को दम तोड़ दिया। परिजनों ने हार्ट अटैक समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन सोमवार की सुबह जब दो दर्जन लोगों को उल्टिया शुरू हो गईं। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल पहु्ंचाया गया।
प्रदेश में पिछले 9 महीने के भीतर जहरीली शराब पीने से 38 लोगों की जान जा चुकी है। लगातार हो रही शराब से मौतों के बावजूद सरकारी अमला शराब के अवैध कारोबार को रोकने में नाकाम रहा है। पिछले एक हफ्ते में प्रदेश से जहरीली शराब से मरने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 5 साल पहले मुरैना के जिस विसंगपुार-मानपुर में शराबबंदी का फैसला लिया गया था, उसी गांव में जहरीली शराब से 20 लोगों की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।