मेरी अंतरात्मा इजरायल को कभी स्वीकार नहीं करेगी : इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान के संस्थापक कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि जब तक फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार नहीं मिल जाते, तब तक पाकिस्तान, इजरायल को मान्यता नहीं दे सकता। खान ने मंगलवार को एक निजी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार के दौरान
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मेरी अंतरात्मा इजरायल को कभी स्वीकार नहीं करेगी : इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान के संस्थापक कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि जब तक फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार नहीं मिल जाते, तब तक पाकिस्तान, इजरायल को मान्यता नहीं दे सकता। खान ने मंगलवार को एक निजी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार के दौरान ये विचार व्यक्त किए।

द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने पाकिस्तान की विदेश नीति, पाकिस्तान-चीन दोस्ती, इजरायल, कश्मीर मुद्दा, अफगान शांति प्रक्रिया, अर्थव्यवस्था, क्षेत्र की स्थिति, राष्ट्रीय मुद्दों और राजनीति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

इजरायल के बारे में सवाल पूछने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी अंतरात्मा कभी भी इजरायल को स्वीकार नहीं करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, इजरायल पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। पाकिस्तान कभी भी इजरायल को मान्यता नहीं दे सकता है। हमें इजरायल और फिलिस्तीन के बारे में सर्वशक्तिमान (ईश्वर) को भी जवाब देना होगा।

चीन के बारे में खान ने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि हमारा भविष्य चीन के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि चीन हर अच्छे और बुरे समय में पाकिस्तान के साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा, हम चीन के साथ अपने संबंधों को और मजबूत कर रहे हैं। चीन को भी पाकिस्तान की बहुत जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल मई में पाकिस्तान का दौरा करने वाले थे, लेकिन कोरोनावायरस के कारण उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई। अब सर्दियों में उनके पाकिस्तान की यात्रा करने की उम्मीद है।

सऊदी अरब के साथ संबंधों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की भूमिका मुस्लिम दुनिया को विभाजित करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की अपनी विदेश नीति है। उन्होंने यह भी कहा कि सऊदी अरब ने हर मुश्किल समय में पाकिस्तान की मदद की है।

इमरान खान ने कहा कि पहले अमेरिका युद्ध के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल करता था, लेकिन आज दोनों शांति में भागीदार हैं। उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया में भागीदार हैं।

खान ने कहा, मैंने अपने पूरे जीवन में संघर्ष किया है। जब मैं नौ साल का था, तब से संघर्ष कर रहा हूं। मैंने एक अस्पताल का निर्माण किया, लेकिन राजनीति एक बड़ा संघर्ष है। मैंने दो-पार्टी प्रणाली (टू पार्टी सिस्टम) के बाद पीटीआई का गठन किया। जब आप कोशिश करते हैं तो उतार-चढ़ाव का कोई डर नहीं होता।

उन्होंने कहा, जब मैं सत्ता में आया था, तो अर्थव्यवस्था दिवालियापन की कगार पर थी और संस्थान नष्ट हो गए थे। पाकिस्तान में व्यवस्था ऐसी है कि सब कुछ पैसे देकर किया जा सकता है; छोटे व्यापारियों के लिए बाधाएं हैं।

खान ने कहा, संभ्रांत (एलीट) वर्ग खुद को कानून से ऊपर समझता है। जब एनएबी (जवाबदेही ब्यूरो) उन्हें बुलाता है, तो वे कहते हैं कि देश बर्बाद हो गया है। इसीलिए कुलीन वर्ग लगातार दो वर्षों से सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश में है।

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान का भविष्य उद्योग पर निर्भर करता है।

उन्होंने कहा, जब तक हम एक औद्योगिक देश नहीं बन जाते हैं, हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस