पजेटो एसयूवी को बंद करने की तैयारी

मित्सुबिशी मोटर्स कोर्प कंपनी अपनी पजेटो एसयूवी बंद करने जा रही है। इस जापानी कंपनी ने भारी नुकसान की आशंका के चलते पजेटो एसयूवी को बंद करने का फैसला लिया है। इस कंपनी ने हाल में घोषणा की है कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से उसे लगातार दूसरे साल (चालू वित्त वर्ष में
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पजेटो एसयूवी को बंद करने की तैयारी

मित्सुबिशी मोटर्स कोर्प कंपनी अपनी पजेटो एसयूवी बंद करने जा रही है। इस जापानी कंपनी ने भारी नुकसान की आशंका के चलते पजेटो एसयूवी को बंद करने का फैसला लिया है। इस कंपनी ने हाल में घोषणा की है कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से उसे लगातार दूसरे साल (चालू वित्त वर्ष में मार्च 2021 के अंत तक) भारी नुकसान होगा। यह पिछले 18 साल में मित्सुबिशी का सबसे बड़ा नुकसान होगा। इससे उबरने की योजना के तहत कंपनी ने पजेरो को बंद करने का फैसला लिया है।जापान की छठी सबसे बड़ी ऑटोमेकर मित्सुबिशी को आशंका है कि मार्च 2021 में खत्म होने वाले मौजूदा वित्त वर्ष में उसे 1.3 बिलियन डॉलर (140 बिलियन येन) का ऑपरेटिंग लॉस (कामकाजी नुकसान) होगा। इसे देखते हुए कंपनी अपने वर्कफोर्स और प्रॉडक्शन हो कम करने की तैयारी में है। साथ ही 20 पर्सेंट फिक्स्ड कॉस्ट कम करने के लिए अगले दो साल में बिना फायदे वाली डीलरशिप को भी बंद करने की योजना है।
इस रिस्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत मित्सुबिशी ने अगले साल से अपनी पजेरो एसयूवी का प्रॉडक्शन बंद करने की घोषणा की है। साथ ही कंपनी पजेरो बनाने वाले जापान स्थित प्लांट को भी बंद कर देगी। कंपनी न्यू-जेनरेशन आउटलेंडर पर काम कर रही है, जो इस अलायंस के सीएमएफ -सी/डी (कॉमन मॉड्यूलर फैमिली) प्लैटफॉर्म पर आधारित होगी। इसी प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल निसान की रोग्यू/क्यूसाकी, एक्स-ट्रेल और रेनॉ की कादजार, तालीसमान और कोलेस कारों में हुआ है। बता दें कि मित्सुबिशी यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में अपनी उपस्थिति कम करना चाह रही है। दूसरी ओर, बिक्री में सुधार के लिए कंपनी एशिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाने पर फोकस करेगी। इसके अलावा मित्सुबिशी नए प्रॉडक्ट डिवेलप करने के लिए रेनॉ-निसान अलायंस का इस्तेमाल करेगी।