बचपन में सनस्क्रीन से कम होता है कैंसर का खतरा

बचपन में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से 18-40 वर्ष के युवाओं में त्वचा कैंसर का खतरा कम हो जाता है। सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा को बचाने और अपनी रंगत बरकरार रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला सनस्क्रीन बच्चों में त्वचा कैंसर के खतरे को 40 प्रतिशत तक घटा सकता है। स्वास्थ्य संगठन
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बचपन में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से 18-40 वर्ष के युवाओं में त्वचा कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा को बचाने और अपनी रंगत बरकरार रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला सनस्क्रीन बच्चों में त्वचा कैंसर के खतरे को 40 प्रतिशत तक घटा सकता है। स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर प्रत्येक वर्ष में त्वचा कैंसर के मामले सामने आते हैं इसका मुख्य कारण सूर्य से सीधा संपर्क यानी खुली जगह पर धूप सेंकना और सनबर्न माना जाता है।
विशेष रूप से बचपन में कैंसर के जोखिम का मुख्य कारण सूर्य की किरणों से सीधा संपर्क और सनबर्न को माना जाता रहा है, लेकिन इस अध्ययन से पता चला है कि नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग सूर्य के संपर्क के हानिकारक प्रभावों से रक्षा करता है। लोगों द्वारा नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाना अभी भी मुश्किल है और ऐसा करने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है।
सनस्क्रीन के नियमित उपयोगकर्ता हल्की त्वचा वाले और सनबर्न के सबसे ज्यादा शिकार होने वाले लोग शामिल हैं। इस शोध के लिए 18 से 40 साल के बीच के 1,800 लोगों पर सवेर्क्षण किया गया था। जिसमें पाया गया कि, जो लोग बचपन से ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, उनमें आगे जाकर त्वचा कैंसर का खतरा 40 प्रतिशत तक कम होता है।