Google के बारे में कुछ रोचक बातें जो आपको जानना बहुत जरूरी है

हम हमेशा बोलते है की गूगल पर सब मिल जायेगा यह लाइन से साबित होता है। कि आज की जेनरेशन के लिए गूगल बहुत ख़ास है। सवालों का जवाब है गूगल इस समय दुनिया का सबसे ज़्यादा यूज़ किया जाने वाला ये सर्च इंजन भले ही हो। लेकिन गूगल की ऐसी कई बाते है।जो कोई
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 हम हमेशा बोलते है की गूगल पर सब मिल जायेगा यह लाइन से साबित होता है। कि आज की जेनरेशन के लिए गूगल बहुत ख़ास है। सवालों का जवाब है गूगल इस समय दुनिया का सबसे ज़्यादा यूज़ किया जाने वाला ये सर्च इंजन भले ही हो। लेकिन गूगल की ऐसी कई बाते है।जो कोई नहीं जानता।

गूगल के कई फीचर है उनमे से एक है। ये फीचर एक हॉलीवुड एक्ट्रेस की वजह से आया था।  इसके पीछे बहुत मज़ेदार कहानी है। हॉलीवुड सिंगर और एक्ट्रेस जेनिफ़र लोपेज़ ने साल 2000 के ग्रैमी अवॉर्ड समारोह के लिए एक ऐसी ड्रेस पहनी थी।इस ड्रेस में जेनिफ़र की फोटो को लोगों ने इंटरनेट पर इतना सर्च किया कि इससे गूगल को आईडिया आया इमेज सर्च बनाने का।

दरअसल शुरुआत में गूगल का नाम  रखा गया था। जिसे बाद में बदल कर गूगल किया गया गूगल बना है गूगल से, जो कि गणित में 10 की पॉवर 100 होने को कहते हैं।

गूगल ने इन सब को खरीद लिया एक बड़े सर्च इंजन होने की वजह से Google के जैसी कई फ़र्ज़ी साइट्स भी हैं। इनसे बचने के लिए। ताकि गूगल का ग़लत फायदा ना उठा सके।

इस वक़्त कोई चाहे भी तो गूगल को नहीं खरीद सकता है।क्योंकि इस वक़्त उसकी कीमत है 500 मिलियन डॉलर। 90 के दशक में एक समय ऐसा भी आया था कि याहू,गूगल को खरीदने वाला था। लेकिन उसने ये ऑफर ठुकरा दिया।

अगर यहां चले गए तो जुरासिक पार्क देखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।गूगल का दफ़्तर यूं तो अलग-अलग एंटीक चीज़ों का घर है।लेकिन इसमें सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है येडायनासॉर।
गूगल ये मानता है कि उसके दफ़्तर में उसे बिल्लियों से ज़्यादा डॉग्स पसंद हैं।वैसे जो भी हो ऐसा उनकी पॉलिसी में भी लिखा है।इस बात से शायद उनका इशारा उनके कर्मचारियों की तरफ़ भी रहा हो।

पर्यावरण के लिए बाकी के मुक़ाबले ज़्यादा सजग है। गूगल कुछ कम्पनीज़ में से एक है। ये बकरियां वापस आ जाती हैं।इन्हें चरने के लिए खुद बकरियां चरती हैं। जैसे ही ये घास दोबारा कटाई के लिए बढ़ती हैं गूगल के दफ़्तर की घास लॉन की मशीन नहीं है।

समय-समय पर गूगल अपना लोगो चेंज करता रहता है। गूगल इमेज की तरह ही गूगल डुडली के पीछे भी एक मज़ेदार कहानी है। गूगल के इस डुडली की शुरुआत हुई।एक  के साथ ऑफिसों में लोग छुट्टी पर जाते वक़्त ये मेल डालते हैं।इसका इस्तेमाल उस वक़्त गूगल के फाउंडर्स ने किया। ताकि वो लोगों को ये बता सकें कि वो एक म्यूज़िक फेस्टिवल अटेंड करने जा रहे हैं। इसलिए उन्होंने गूगल के लोगो को ही चेंज कर दिया।ताकि उन्हें मेल भेजने वाले को ये पता चले कि वो दफ्तर में नहीं हैं।

एक दिन गूगल के ऑफिस में कॉल आता है। लाइन पर हैं और उन्हें गूगल में जो दूसरा O है। वो अच्छा नहीं लग रहा ये उनके में दिखने में सही नहीं लग रहा है।और उन्होंने उसे एक इंजीनियर से ठीक करवा दिय। ऐसा कम ही होता है कि कोई इतना बड़ा प्रतिद्वंदी आपके लिए ऐसा करे। लेकिन और गूगल उन पड़ोसियों की तरह हैं। जो सामने तो एक-दूसरे से बड़े प्यार से बात करते हैं। लेकिन पीठ-पीछे जम कर बुराई करते है।