‘पटियाला पैग’ का नाम तो आप सब ने सुना होगा, जानिए इसका पूरा इतिहास

आज किसी भी पार्टी में शराब और वाइन का होना आम बात है। कोई भी फंक्शन हो, शादी हो, पार्टी हो या ऑफिस की मीटिंग। अगर शराब का दौर न चले तो सब बेकार है। बात शराब की हो रही हो और उसमे पटियाला पैग का जिक्र न हो तो बात बेमानी हो जाएगी। क्या
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आज किसी भी पार्टी में शराब और वाइन का होना आम बात है। कोई भी फंक्शन हो, शादी हो, पार्टी हो या ऑफिस की मीटिंग। अगर शराब का दौर न चले तो सब बेकार है। बात शराब की हो रही हो और उसमे पटियाला पैग का जिक्र न हो तो बात बेमानी हो जाएगी। क्या आप जानते हैं कि वर्ल्ड फेमस ‘पटियाला पैग’ का जन्म कैसे हुआ?

वैसे तो पटियाला एक शहर है जो नेशनल हाईचे 1 पर स्थित राजपुरा नामक जगह से 24 किमी. दूर है और चंडीगढ़ शहर में बसा हुआ है। सारी दुनिया में इसी शहर के नाम से यह पैग फेमस है। पटियाला पैग के अलावा, पटियाला जूती और सलवार भी काफी फेमस है। लेकिन पूरी दुनिया इस शहर को पटियाला पैग के नाम से ही पहचानती है।

‘पटियाला पैग’ 1920 में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह की देन है। ब्रिटिश एकादश से हुए क्रिकेट मुकाबले में महाराजा ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। इस मैच की पार्टी में ‘पटियाला पैग’ का जन्म हुआ।

बहुत कम लोग जानते होंगे कि भारत में महाराजा राजिंदर सिंह के कारण क्रिकेट का खेल शुरू हुआ। महाराजा राजिंदर सिंह की इस खेल में गहरी रूचि थी। इसलिए वो पटियाला में विश्व के प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ियों को बुलाते थे ताकि लोगों को क्रिकेट में प्रशिक्षण एवं नई तकनीकों से लैस किया जा सके।

उनके बाद परंपरा को आगे बढ़ाया, महाराजा भूपिंदर सिंह ने। उन्होंने इंग्लैंड में भारत एकादश की तरफ से वर्ष 1911-12 में अनाधिकारिक टैस्ट मैच खेले। वहां से लौटने के बाद क्रिकेट उनका शौक बन गया। उन्होंने रोड्स, न्यूमैन, रॉबिन्सन जैसे महान खिलाड़ियों को पटियाला में आमंत्रित भी किया।