यहां हुक्के का कश लेने के लिए लगती है लंबी लाइनें, बेहद अनोखा है मामला

दुनिया में कई ऐसे मामले हैं, जिनके बारे में सुनकर बहुत हैरानी होती है। कभी-कभी लोगों के लिए चीजों पर विश्वास करना मुश्किल होता है। मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहां लोग हुक्का पीकर अपनी बीमारियों का इलाज करवा रहे हैं। यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता
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यहां हुक्के का कश लेने के लिए लगती है लंबी लाइनें, बेहद अनोखा है मामला

दुनिया में कई ऐसे मामले हैं, जिनके बारे में सुनकर बहुत हैरानी होती है। कभी-कभी लोगों के लिए चीजों पर विश्वास करना मुश्किल होता है। मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहां लोग हुक्का पीकर अपनी बीमारियों का इलाज करवा रहे हैं। यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता है। लेकिन, यह पूरी तरह से सच है। तो आइए जानते हैं कि मामला क्या है और इसमें कितनी सच्चाई है।

आमतौर पर हुक्का को एक नशा माना जाता है। लेकिन, उज्जैन के आयुर्वेदिक कॉलेज में हुक्के के साथ विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि महिलाओं से लेकर पुरुषों तक की कई बीमारियों का इलाज करने के लिए वे उज्जैन के सरकारी धन्वंतरि आयुर्वेदिक अस्पताल में हुक्का पीते हैं। कहा जा रहा है कि यह अपनी तरह का पहला मेडिकल कॉलेज है जहां ऐसे लोगों का इलाज किया जा रहा है। वह हुक्का जिसे लोग साँस लेते हैं, वह हर्बल हुक्का है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हुक्के का इस्तेमाल अस्थमा, साइनस और सांस की बीमारियों के मरीजों द्वारा किया जाता है। यही नहीं, कुछ कोरोना रोगियों ने भी इस विधि का उपयोग किया है। आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉ। निरंजन सराफ का कहना है कि इस हुक्के को पीने के लिए लोगों की लंबी लाइनें लगी हैं। इसमें कई तरह की दवाइयाँ मिलाई जाती हैं, जिनमें बे पत्ती, पीपल की छाल, नागर मौसा, बरगद की छाल, मुलैठी, हल्दी और कई और चीज़ें शामिल हैं। प्रोफेसर का यह भी दावा है कि यह हुक्का कोरोना में बहुत प्रभावी है। इसलिए, दूर-दूर से लोग इस हुक्के को देखने आते हैं।