लांग मार्च के दौरान याद किए गए Chinese Red Army Jawans

85 साल पहले चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने लाल सेना का नेतृत्व कर साढ़े बारह हजार किलोमीटर लंबी यात्रा के जरिए मानव इतिहास में एक महान उपलब्धि ‘लांग मार्च’ की थी, जिसके माध्यम से लुप्तप्राय चीनी क्रांति को सुगम पथ पर ले जाया गया। मई, 2019 में लांग मार्च शुरू होने के स्थल य्वीतू काउंटी, जो
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लांग मार्च के दौरान याद किए गए Chinese Red Army Jawans

85 साल पहले चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने लाल सेना का नेतृत्व कर साढ़े बारह हजार किलोमीटर लंबी यात्रा के जरिए मानव इतिहास में एक महान उपलब्धि ‘लांग मार्च’ की थी, जिसके माध्यम से लुप्तप्राय चीनी क्रांति को सुगम पथ पर ले जाया गया। मई, 2019 में लांग मार्च शुरू होने के स्थल य्वीतू काउंटी, जो च्यांगशी प्रांत के कानचो शहर के पूर्व में स्थित है। यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने लाल सेना के वंशजों और क्रांतिकारी शहीदों के परिवारों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए भाव-विभोर होकर कहा कि लांग मार्च बेहद कठिन था। पार्टी और लाल सेना इस दौरान बार-बार अत्यंत खतरनाक स्थिति में पुनर्जन्म ले रहे थे, जो क्रांतिकारी आदर्शो पर भरोसा करते थे और आखिरकार उन्होंने चमत्कार किया।

अक्टूबर, 1934 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय लाल सेना की मुख्यशक्ति 80 हजार सैनिकों ने य्वीतू से प्रस्थान होकर लांग मार्च का लंबा अभियान शुरू किया।

लाल सेना के लांग मार्च का इतिहास सैनिकों और आम नागरिकों के बीच गहरी भावना का इतिहास भी है। अभियान के दौरान विभिन्न स्थलों में स्थानीय आम लोगों ने सैनिकों का समर्थन किया और सहायता दी। उन्होंने सैनिकों को अनाज दिया। रास्ते में 16 हजार से अधिक लोग सेना में शामिल हुए। कई लोगों ने चीनी क्रांति के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।

साढ़े बारह हजार किलोमीटर लंबे लांग मार्च अभियान में औसतन प्रति 300 मीटर में लाल सेना का एक सैनिक शहीद होता था। कुछ दिन पहले क्वांगशी च्वांग जातीय स्वायत्त प्रदेश के निरीक्षण दौरे पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपना पहला पड़ाव लाल सेना के श्यांगच्यांग लड़ाई का स्मृति उद्योग चुना। उन्होंने युद्ध में लाल सेना के शहीदों के सम्मान में फूलों की टोकरी अर्पित की।

अक्टूबर, 1936 में लाल सेना की तीन प्रमुख शक्तियों का मिलन पश्चिमोत्तर चीन के कानसू प्रांत के ईनिंग और निंगश्या के च्यांगथाईपाओ में हुआ, तभी दो साल का कठोर लंबा अभियान खत्म हुआ। लांग मार्च के दौरान लाल सेना के सैनिकों ने 14 प्रांतों से गुजर कर करीब सौ नदियों को पार किया, 40 से अधिक ऊंचे पहाड़ चढ़े, ‘मौत के जाल’ के रूप में जाने जाने वाले विशाल घास के मैदान को पार किया और दुश्मन के साथ 600 से अधिक लड़ाइयां लड़ीं। लाल सेना की लांग मार्च की जीत चीनी क्रांति में संकट को शांति में बदलने की कुंजी बनी।

वर्तमान चीन शांतिपूर्ण युग से गुजर रहा है। हर पीढ़ी के लोगों का अपनी पीढ़ी की लांग मार्च का रास्ता होता है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा था कि “लांग मार्च हमेशा मार्ग पर होता है। हमारा कार्य चाहे कितना भी आगे क्यों न बढ़े, चाहे हम कितनी भी बड़ी उपलब्धि हासिल क्यों न कर लें, हमें लांग मार्च की भावना को नहीं भूलना चाहिए और नई लांग मार्च के रास्ते पर साहस के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।”

न्रूूज सत्रोत आईएएनएस