America द्वारा जापान के अपशिष्ट जल निर्वहन के समर्थन का वास्तविक कारण

कुछ समय पूर्व जापान सरकार ने औपचारिक तौर पर निर्णय लिया कि प्रशांत महासागर में 10 लाख टन परमाणु अपशिष्ट जल का उत्सर्जन करेगा। पानी में रेडियोधर्मी पदार्थ समुद्री वातावरण को प्रभावित होने से डरने की वजह से जापानी नागरिकों सहित अधिकांश लोग योशीहाइड सुगा सरकार के फैसले का कड़ा विरोध करते थे। लेकिन इसके
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America द्वारा जापान के अपशिष्ट जल निर्वहन के समर्थन का वास्तविक कारण

कुछ समय पूर्व जापान सरकार ने औपचारिक तौर पर निर्णय लिया कि प्रशांत महासागर में 10 लाख टन परमाणु अपशिष्ट जल का उत्सर्जन करेगा। पानी में रेडियोधर्मी पदार्थ समुद्री वातावरण को प्रभावित होने से डरने की वजह से जापानी नागरिकों सहित अधिकांश लोग योशीहाइड सुगा सरकार के फैसले का कड़ा विरोध करते थे।

लेकिन इसके विपरीत, अमेरिका विरोध के बजाय विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट पर जापान की प्रशंसा की और फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में जल निपटारे के निर्णय में अपने खुले और पारदर्शी प्रयासों के लिए जापान को धन्यवाद दिया।

लम्बे समय तक, खुद को पर्यावरण संरक्षण प्रेमी मानते हुए अमेरिका दुनिया भर में सक्रिय है, उस ने क्यों जापान के पर्यावरण विनाश कार्रवाई का समर्थन किया?

हाल ही में कुछ अमेरिकी मीडिया की रिपोटरें ने कहा कि अमेरिका ने प्रशांत महासागर में बड़ी मात्रा में डीडीटी कीटनाशक कचरे का डंप किया और दशकों साल तक तथ्यों को छिपाया। तो लोगों को समझने लगा कि अमेरिका स्वयं साफ नहीं है और वह जापान के समान है।

लॉस एंजिल्स टाइम्स, द एसोसिएटेड प्रेस और सीबीएस जैसी मीडिया रिपोटरें के अनुसार, अमेरिकी समुद्री वैज्ञानिकों ने दक्षिणी कैलिफोर्निया के पास समुद्र में डीडीटी युक्त 27 हजार बैरल से अधिक कचरे की खोज की। संबंधित सामग्री के मुताबिक, अमेरिका द्वारा प्रशांत महासागर में डीडीटी कचरे का डंप करना आकस्मिक नहीं है, बल्कि दशकों सालों तक जारी रही एक लंबी प्रक्रिया है।

जापान से बहुत पहले, अमेरिका ने समुद्र में प्रदूषित पदार्थों के निर्वहन जैसी दुष्ट बात पहले ही कर दी थी। न केवल उसने किया, बल्कि इसे दशकों सालों तक दुनिया से छिपाया। शायद यही वास्तविक कारण है कि अमेरिका ने खुलेपन और पारदर्शिता के लिए जापान को धन्यवाद दिया।

न्यूज सत्रोत आईएएनएस