Kovid pneumonia से ग्रस्त महिलाओं के फेफड़े खराब होने का रिस्क ज्यादा : Lancet

द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोविड संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती अधिकांश रोगी भले ही भले-चंगे हो गए हों लेकिन उनमें तीन में से एक को एक साल बाद भी फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। अध्ययन के अनुसार लोग आमतौर पर कोविड संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती
 | 
Kovid pneumonia से ग्रस्त महिलाओं के फेफड़े खराब होने का रिस्क ज्यादा : Lancet

द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोविड संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती अधिकांश रोगी भले ही भले-चंगे हो गए हों लेकिन उनमें तीन में से एक को एक साल बाद भी फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
अध्ययन के अनुसार लोग आमतौर पर कोविड संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं । जब यह फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिसे कोविड निमोनिया कहा जाता है। अध्ययन से पता चला है कि एक साल बाद एक तिहाई मरीजों के फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाया गया है।

ब्रिटेन के साउथम्पटन विश्वविद्यालय के शोधकतार्ओं ने पाया कि लगभग एक चौथाई रोगियों में सीटी स्कैन से पता चला कि फेफड़ों के कुछ एरिए में इंफेक्शन था और अस्पताल में भर्ती होने वाले रोगियों के फेफड़ों में अधिक गंभीर परिवर्तन था। लगभग 5 प्रतिशत रोगियों में अभी भी सांस फूलने शिकायत है ।

टीम ने वुहान, चीन में सहयोगियों के साथ काम किया और अस्पताल में भर्ती होने के एक साल बाद तक गंभीर कोविड निमोनिया से उबरने के प्राकृतिक इतिहास की जांच की। गंभीर कोविड निमोनिया के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद लगभग 83 रोगियों की भर्ती की गई। जिनका उपचार तीन, छह, नौ और बारह महीनों के बाद हो रहा है।

अनुसंधान इस बात का सबूत देता है कि कोविड निमोनिया के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों को नियमित श्वसन अनुवर्ती आवश्यकता है। यह लंबी अवधि के कोविड संबंधित फेफड़ों के बदलाव के विकास को रोकने के लिए व्यायाम कार्यक्रमों की भूमिका सहित उपचार रणनीतियों की खोज करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है।

न्यजू सत्रोत आईएएनएस