Rice से बनने वाली सफेद चीनी शराब

चीन की पाईच्यू (सफेद शराब) अपने स्वाद के लिए पुरी दुनिया में जानी जाती है। इसका स्वाद थोड़ा तेज होता है, कुछ-कुछ वोडका जैसा, और यह अंगूर की शराब से एकदम अलग होती है। इसकी महक किसी को भी नशे से सराबोर कर सकती है। आमतौर पर इस शराब को किसी खास मौके जैसे शादी
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Rice से बनने वाली सफेद चीनी शराब

चीन की पाईच्यू (सफेद शराब) अपने स्वाद के लिए पुरी दुनिया में जानी जाती है। इसका स्वाद थोड़ा तेज होता है, कुछ-कुछ वोडका जैसा, और यह अंगूर की शराब से एकदम अलग होती है। इसकी महक किसी को भी नशे से सराबोर कर सकती है। आमतौर पर इस शराब को किसी खास मौके जैसे शादी समारोह, जन्मदिन, बिजनेस डीलिंग या चीनी त्यौहार पर ही पिया जाता है। जब कोई विदेशी किसी चीनी के यहां मेहमान बनकर आता है तो उसे सफेद शराब जरूर परोसी जाती है। यह चीनी लोगों का आदर-सत्कार का एक नमूना है।

दक्षिण-पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत के झांगशु शहर में सिथा लिकर कंपनी लिमिटेड स्थित है, जो चावल से सफेद शराब बनाती है। यह कंपनी देश में सबसे प्रसिद्ध दस शराब कंपनियों में से एक है। इस कंपनी के आसपास का क्षेत्र खूबसूरत पहाड़, उपजाऊ मिट्टी और साफ पानी से घिरा है। इसके पश्चिमी ओर कानच्यांग नदी है, और पूर्वी ओर कसाओ पर्वत है। यह क्षेत्र प्राचीन काल से शराब शहर के रूप में जाना जाता है।

सिथा लिकर कंपनी लिमिटेड औपचारिक रूप से साल 1952 में स्थापित हुआ, जिसे पहले झांगशु डिस्टलरी के रूप में जाना जाता था। आधी से अधिक सदी के विकास के बाद, यह कंपनी एक राष्ट्रीय प्रसिद्ध शराब बनाने वाली उद्यम बन गई है जो वैज्ञानिक अनुसंधान, उत्पादन और बिक्री को एकीकृत करती है।

इस कंपनी का क्षेत्रफल 2700 म्यू से अधिक है। आज इस कंपनी में कुल 3 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। यहां रोजाना 18 टन शराब का उत्पादन होता है, और सालाना उत्पादन 30 हजार टन के करीब होता है। इसके अलावा, कंपनी की सालाना कमाई 33 अरब रुपये है।

झांगशु च्यांगसू प्रांत का ही एक शहर है, जहां सफेद चावल से बनने वाली इस सफेद चीनी शराब का उत्पादन होता है। इसमें करीब 60 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा होती है, और चीनी लोग बड़े चाव से इस शराब का सेवन करते हैं।

इस शराब को बनाने में चावल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है। शराब बनाने की फैक्ट्री में मजदूर और कच्चा माल सप्लाई करने वाले किसान, निश्चित रूप से देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

सिथा लिकर कंपनी लिमिटेड के प्रोडेक्ट मैनेजर फू का कहना है कि झांगशु में खास वातावरण होने की वजह से यहां बनने वाली सफेद शराब की गुणवत्ता श्रेष्ठ होती है, और अपनी विशेष तकनीक और गुणवत्ता की वजह से देश के कोने-कोने में जानी-पहचानी जाती है।

शराब बनाने की पूरी प्रक्रिया बताते हुए फू ने कहा कि मजदूर चावल को भाप देते हैं और कुछ समय तक सूखने देते हैं। उसके बाद गड्ढों में डाल देते हैं जहां खमीर के साथ मिलाया जाता है। करीब 30 दिनों के बाद उसे फिर बाहर निकालकर इस प्रक्रिया को दो बार दोहराया जाता है। फिर उसे शराब बनाने की मशीन में डाल दिया जाता है। तब उसे बड़े से बैरल में भर देते हैं जहां 3 सालों तक पड़े रहने दिया जाता है।

कुछ समय के बाद, वाइन एक्सपर्ट परीक्षण करते हैं कि सब कुछ सही है। पूरी तरह शराब बनने में करीब 5 साल लग जाते हैं। यह एक लम्बी प्रक्रिया है, पर श्रेष्ठ शराब बनाने के लिए इस प्रक्रिया का पूरा होना अति आवश्यक है।

सिथा लिकर कंपनी लिमिटेड में एक प्रमाणित वाइन टेस्टर सूश्री ली ने बताया कि एक अच्छी शराब पहचानने के लिए तीन चीजों का ख्याल रखा जाता है- रंग, सुगंध, और स्वाद। जिस शराब का रंग हल्का पीला, और पीने के दौरान गले में कम जलन हो, वो श्रेष्ठ होती है।

विदेशियों की नजर में चीन की सफेद शराब न केवल एक पेय पदार्थ है, बल्कि ऐसा कुछ

है जो चीन का इतिहास दशार्ती है और राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करती है। च्यांगसू प्रांत में काफी दिन बिताने के बाद, मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि चीन की इस सफेद शराब ने चीनी लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई हुई है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस